चर्बी (फेट) यह शब्द पूरे शरीर से जुडा हुआ है| हमारे शरीर में अलग अलग प्रकार की चर्बी होती है|
कुछ प्रकार की चर्बी हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक परिणाम करती है और जिससे लंबे समय चलने वाळी बिमारी हो सकती है | जब कि कुछ चर्बी स्वास्थ्य अच्छा बनाए रखने के लिए जरुरी होती है|
चर्बी के दो प्रकार होते है –
- सफेद चर्बी
- ब्राउन चर्बी
यह आवश्यक और त्वचा के निचे या आंत की चर्बी के रुप में संग्रहित किया जा सकता है|
सफेद चर्बी/मेद – सफेद कोशिकांए त्वचा के नीचे या तोंद, भूजाएं, जांघें और नितंब इन अंगो के पास संग्रहित की जाती है| यह चर्बी की कोशिकांए शरीर की उर्जा संग्रहित करने का तरीका है ताकि बाद में इसका उपयोग किया जा सके| सफेद चर्बी कोशिकांए, एस्ट्रोजेन, इंसुलिन, तनाव के हार्मोन और लेप्टिन जैसे हार्मोन्स के सही तरह से काम करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| सफेद चर्बी अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरुरी है| यह तभी हानिकारक होती है अगर इनका प्रमाण शरीर में सामान्य प्रतिशत से ज्यादा हो जाए| आम तौर पर स्त्री और पुरुषो में चर्बी का सामान्य प्रतिशत निम्नानुसार है:
पुरुषो के लिए – 14 से 24%
स्त्रियो के लिए – 21 से 31%
अगर शरीर की चर्बी निश्चित स्तर से ज्यादा है, तो नीचे दी हुई स्वास्थ्य समस्याओं हो सकता है:
- गुर्दे की समस्याएं
- यकृत की समस्याएं
- कर्करोग
- स्ट्रोक/हाइ ब्लड प्रेशर
- टाइप II मधुमेह
- गर्भावस्था में निर्माण होनेवाली समस्याएं
- हार्मोन में असंतुलन
ब्राउन फेट – यह चर्बी का वो प्रकार है जो प्रमुख रूप से बच्चों में पाया जाता है और थोडी मात्रा में बड़ों की गर्दन और कंधे पर दिखाई देती है| इस तरह की चर्बी फैटी एसिड को जलाकर आपको गर्म रखती है|
मानव गुरु ने सन 2000 से ऐसे लाखों लोगों को सेवा दी है जो भारी वजन और मोटापे से पीडित थे| उन लोगो ने सिर्फ 9 से 180 दिनों में 20 से 40 किलोग्राम और उससे ज्यादा वजन कम किया है|
मशहूर कन्नडा अभिनेता जग्गेश और उनके बेटे जो बंगलुरू से है उनकी कहांनी इसका अच्छा उदाहरण है| मानव गुरु ने व्यक्तिगत तौर पर उनके घर की मुलाकत ली और घर के सभी कमरे देखे और जब उन्होंने जग्गेश के शयन कक्ष (बेडरूम) का निरीक्षण किया तो उन्हें उनके अधिक वजन का कारण स्पष्ट रुप से पता चला| इसका मूल कारण यह था की उनके शयन कक्ष के प्रवेशद्वार को अलमारीने अवरुद्ध किया था| उस वक्त उनका वजन 95 KG था| फिर मानव गुरु ने उन्हें कुछ सुझाव दिये और उन्होंने उसका पालन करना जारी रखा| उन्होने बहुत बडा फर्क महसूस किया और उनका वजन कम होकर 75 KG हो गया|
जग्गेश का बेटा भी ऐसी ही समस्या से पीडित था उसका वजन उस वक्त 120 किलो के आसपास था| जब उनके बेटे के शयन कक्ष (बेडरूम) का निरीक्षण किया तो मानव गुरु को पता चला की उनके शयन कक्ष (बेडरूम) में उर्जा का प्रवाह ही नही था| उनका पलंग एक कोने में रखा हुआ था| इससे विश्व शक्ति का प्रवाह बाधित होता था | जो कोई भी उस पलंग पे सोएगा उसका वजन निश्चित रुप से बढेगा|
मानव गुरु ने उसे कुछ सुझाव दिए जिसमें पलंग की जगह बदलना भी शामिल था| पलंग कोने में नही होना चाहिए और पलंग के सर का हिस्सा उसकी अनुकूल दिशा में होना चाहिए | इन बदलाव की वजह से वहाँ पर विश्व शक्ति का सही और निरंतर प्रवाह पूरे शयन कक्ष में मिलता रहा| अगले 9 से 180 दिनों में उसने अनुभव किया की उसका वजन कम हो रहा है और आखिरकार 80 किलोग्राम तक कम हो गया|
आप आपके दोस्तो या रिश्तेदारों के घर भी जाँच सकते हो| अगर उनके पलंग कोने में है या अलमारी शयन कक्ष के प्रवेशद्वार को अवरुद्ध कर रहा हो, या फिर परिवार के सदस्य उनकी अनुकूल दिशानुसार नहीं सो रहे है, तो उनके परिवार के सदस्य मोटापा या फिर अधिक वजन की समस्या से पीडित होंगे|
अगर आप भी आपका वजन या मोटापा कम करना चाहते है, तो सिर्फ शयन कक्ष का ध्यान रखना पर्याप्त नहीं होगा।
मानव गुरु का अनन्य सरल वास्तु ज्ञान एक वैज्ञानिक सिद्धांत है और यह प्राचीन भारतीय मुल्यो और संस्कृति पर आधारित है। सिर्फ विश्व शक्ति के साथ संपर्क में आकर 9 से 180 दिनों में यह पूरे परिवार को आनंदमय जीवन का मार्ग दिखाता है।
व्यक्ति की अपनी ऊर्जा होती है जिसकी कुछ कंपन तरंग होती है। व्यक्ति जहां रहता है और जहां काम करता है उस स्थान की अपनी ऊर्जा होती है जिसकी कुछ कंपन तरंग होती है। ब्र्ह्मांड की भी कंपन तरंगो के साथ अपनी ऊर्जा होती है। जब व्यक्ति और उसका घर और कार्यस्थल दोनो विश्व शक्ति के संपर्क में आते है, तो विश्व शक्ति व्यक्ति के शरीर और घर और कार्यस्थल में संचालित होती है। इससे शरीर की अरबो कोशिकाओं को जब आवश्यकता होती है तब विश्व शक्ति की आपूर्ति होने में मदद होती है।
जब शरीर की अरबों कोशिकाओं और अंगो को पर्याप्त मात्रा में विश्व शक्ति मिलती है; वो ज्यादा ऊर्जान्वित और क्रियाशील बनती है। यह पूरे शरीर के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करती है। इसके परिणाम स्वरुप परिवार का हर एक सदस्य शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आर्थिक और बौद्धिक रूप से सशक्त बनता है।
जब आप मानव गुरु के अनन्य सरल वास्तु मार्गदर्शन का पालन करते है, तो अगले 9 से 180 दिनों में आपका वजन कम होने लगता है और आपको और भी कोई बीमारियाँ होंगी तो उन सभी से भी आप मुक्त हो जाएंगे।
अंत में, विश्व शक्ति जरूरत पड़ने पर शरीर के उचित पोषण को बनाए रखती है। यह बिना किसी दवा, आहार या व्यायाम की आवश्यकता के शरीर के भीतर अपने आप संतुलन बनाए रखती है।

अपने अनन्य सरल वास्तु ज्ञान के माध्यम से लाखो परिवारो की जिंदगी में 9 से 180 दिनो मे परिवर्तन लाया है।