मैं पुलिस विभाग में कार्यरत था। इतने सालों तक कड़ी मेहनत करने के बाद, प्रमोशन के पात्र होने के बावजुद भी मुझे प्रमोशन नहीं मिल रहा था। मैंने प्रमोशन पाने के लिये सब किया लेकिन सब व्यर्थ में चला गया। मैं अपना आत्म-सम्मान इतना खो चुका था कि मेरे साथियों ने भी मेरा मज़ाक उड़ाना शुरू कर दिया। एक दिन, एक मंत्री ने यह भी कहा कि मुझे कभी प्रमोशन नहीं मिलेगी। मैं निरुत्साहित, अपमानित, और सभी आशाओं को खो चुका था। यहां तक कि मेरे कर्मचारी भी कहने लगे कि मेरी पदोन्नति नहीं होगी। यह मेरे लिए कभी न हासिल होने वाला सपना बनने लगा।
उदास और निराश, में एक दिन मानव गुरु के अनन्य सरल वास्तु ज्ञान से परिचित हुआ। मैंने लगातार टेलीविजन पर मानव गुरु के कार्यक्रम को देखना शुरू किया और जब मैंने देखा कि बहुत से लोगों ने अपनी नौकरियों में बढ़ती और सफलता का अनुभव किया है, मेंने मानव गुरु के अनन्य ज्ञान को अपनाने का निश्चय किया।
मानवगुरु का अनन्य ज्ञान अपनाना सरल है। जब मैंने मानवगुरु के मार्गदर्शन का पालन किया, तो मुझे अपने कार्यस्थल पर सकारात्मक परिवर्तन का अनुभव होने लगा। मेरे सहयोगी मेरे करीबी बन गए और मेरा सम्मान करने लगे। और आश्चर्य की बात यह थी, की मुझे आखिरकार प्रमोशन मिला। मैं बेहद खुश था। पहले निरुत्साहित और मेरा मजाक उड़ाने वाले सभी लोग स्तब्ध थे। आज मैं एक डीसीपी हूं और मैं अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभा रहा हूं और अपनी नौकरी से खुश हूं।
मैं एक बात कहना चाहूंगा, मानव गुरु एक नेक काम कर रहे हैं। वह निश्चित रूप से धन्य है और उनके अनन्य ज्ञान के कारण, 9 से 180 दिनों के भीतर जीवन से संबंधित सभी समस्याओं को दूर करना संभव है। मैं अपने जीवन को बदलने और मेरी समस्याओं को दूर करने में मदद करने के लिए मानवगुरु श्री चंद्रशेखर गुरुजी को धन्यवाद देना चाहूंगा।