अवसाद क्या है?

अवसाद क्या है?

अवसाद क्या है?

अवसाद दुनियाभर में मौजूद सबसे आम मनोविकारो में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में तकरीबन 30 करोड लोग अवसाद से पीडित है।

रोग के भावनात्मक और शारीरिक प्रभावों के कारण अवसाद व्यक्ति की प्रभावी ढंग से कार्य करने की क्षमता को कम कर देता है। अवसाद के कुछ लक्षण हैं:

  • अपार दुख और निराशा की भावना
  • कमजोरी, भूख और सोने के तरीके में बदलाव
  • सामाजिक अलगाव और नियमित गतिविधियों में रुचि की कमी
  • सोचने, ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में कठिनाई
  • लगातार घबराहट और चिड़चिड़ापन
  • गंभीर मामलों में मौत या आत्महत्या के विचार

अवसाद का निदान करने के लिए, व्यक्ति को उपर दिये गये अवसाद के लक्षण मे से कम से कम पांच लक्षण का अनुभव होना जरूरी है। जब लक्षण कम से कम दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं और वर्तमान और पिछले स्तर के कामकाज में एक उल्लेखनीय परिवर्तन होता है, तो व्यक्ति अवसाद का शिकार है ऐसा माना जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने अवसाद का संबंध मस्तिष्क में सेरोटोनिन के अपर्याप्त स्तर से जोड़ा है। अवसाद का स्तर हल्के से गंभीर हो सकता है और इसे उत्प्रेरकों के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
अनुवांशिकी, दुर्व्यवहार होना, किसी प्रियजन को खो देना और जीवन में असफलता यह अवसाद की कुछ वजह बताई गई है । व्यक्ति के अनुसार लक्षण अलग-अलग होने से बिमारी की उपचार पध्धति भी बदलती है। महिलाऐ अवसाद की शिकार ज्यादा पायी जाती है । हालाकि अब पुरुष और छोटे बच्चों में भी अवसाद बढ रहा है।

रोग की गंभीरता के अनुसार उपचार में भिन्नता हो सकती है। अवसाद के कुछ प्रकार नीचे दिए गए है:

  1. क्रोनिक डिप्रेशन (डिस्थाइमिया)
  2. बायपोलर डिप्रेशन (मेनिक डिप्रेशन)
  3. मानसिक अवसाद
  4. प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर अवसाद आदि

अवसाद, दु:ख और उदासी ऐसे शब्द हैं जो अक्सर मिश्रित होते हैं या एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किए जाते हैं। लेकिन इन में स्पष्ट अंतर हैं।

उदासी परेशान होने की एक अस्थायी भावना है – परीक्षा में कम अंक, परीक्षा में उत्तीर्ण न होना आदि।

दुःख का सीधा सम्बंध कुछ गवॉने के साथ है – माता-पिता, प्रिय पालतू पशू इनकी मृत्यु आदि ।

अवसाद तलाक, ब्रेकअप इनके जैसे दीर्घ काल तक प्रभाव डालने वाली परिस्थितीयों के कारण हो सकता है। हंमेशा उदास और दु:खी रहना यह कुछ समय के बाद अवसाद में परीवर्तीत हो सकता है। अवसाद को ठीक करना संभव है और दवाइयाँ और बिना दवाइयों के भी उपचार कर सकते है।

अवसाद का मस्तिष्क पर क्या प्रभाव होता है?

अवसाद मस्तिष्क की शारीरिक संरचना को नुकसान पहुँचा सकती है। शारीरिक बदलावों का उदाहरण दिया जाए तो मस्तिष्क में जलन होना, मस्तिष्क को प्राणवायू की आपुर्ति की कमी, मस्तिष्क सिकुड जाना आदि।

मानव गुरु के अनन्य सरल वास्तु अनुसार, जब जब हर समय विश्व शक्ति हमारे आसपास रहने के बावजूद भी हमारा उससे संपर्क टूट जाता है तब अवसाद जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

क्या अवसाद पर स्थायी उपचार संभव है?

जी हां बिलकुल है! जब व्यक्ति विश्व शक्ति के साथ संपर्क में आता है, तो अवसाद जैसी बीमारीयाँ आसानी से ठीक हो जाती है।

विश्व शक्ति क्या है?

सभी धर्म के शास्त्रो में भगवान के बारे में बताया है। वह एक ही है जो न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट हो सकता है। वो पैदा नहीं हुआ और ना कभी उसकी मृत्यु होगी। वो सर्वोच्च है। भगवान हर जगह है लेकिन कोई उसे देख नहीं सकता।

इस विश्व में एक अद्वितीय शक्ति है जिसे हम विश्व शक्ति कहते है। यह विश्व शक्ति भी विश्व में हर जगह है किंतु हम उसे देख नहीं सकते।

भगवान और विश्व शक्ति के विशिष्टता एक जैसे ही है। फिर हम भगवान को विश्व शक्ति क्यों नहीं कह सकते।

विश्व शक्ति चेतना शक्ति है जो हमेशा आपके आसपास रहती है। हम विश्व शक्ति को अलग-अलग नाम से जानते है जैसे की, ‘प्राणशक्ति’ या वैश्विक उर्जा आदि.

आप विश्व शक्ति के साथ कहां संपर्क में आ सकते है?

विश्व शक्ति के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए मंदिर, मस्जिद, चर्च या अन्य किसी भी धार्मिक स्थल पर जाने की जरूरत नही है। आप जिस स्थान पर ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करते हो वो स्थल महत्वपूर्ण होता है।

हम दिन में लगभग 10 से 12 घंटे हमारे घर और 8 से 10 घंटे हमारे कार्यस्थल पर बिताते है। यानी हम दिन के 24 घंटो में से 20 से 22 घंटे अपने घर और कार्यस्थल इन दो जगह पर बिताते है। इसलिए यह दोनो स्थल पर हम विश्व शक्ति के साथ संपर्क कर सकते है।.

आप विश्व शक्ति के संपर्क में कैसे आ सकते है?

मानव गुरू का अनन्य सरल वास्तु मार्गदर्शन आपको और आपके परिवार को विश्व शक्ति के साथ संपर्क बनाने में मदद करेंगे।

वर्ष 2000 से, लाखो परिवार आनंदमय जीवन अर्थात सुखी जिवन जी रहे है।

क्या इसका कुछ वैज्ञानिक स्पष्टीकरण है क्या?

विश्व शक्ति की विशेष कंपन तरंग होती है। ‘9’ यह अंक विश्व शक्ति का उच्च स्तरीय विशिष्ट कंपन तरंग है। हर व्यक्ति की अपनी उर्जा और कुछ कंपन तरंग होती है। व्यक्ति जिस स्थान पर रहता है/कार्य करता है उसकी भी अपनी उर्जा और कुछ कंपन तरंग होती है।

जब व्यक्ति और उसके घर/कार्यस्थल की कंपन तरंग विश्व शक्ति की कंपन तरंग के (अर्थात 9) के संपर्क में आती है उसके बाद तुरंत ही विश्व शक्ति उस व्यक्ति के शरीर और घर में संचालित होती है। इसके परिणाम स्वरूप शरीर की अरबों कोशिकाओं को जब आवश्यकता होती है तब विश्व शक्ति की उन्हें आपुर्ति होती है।

अन्य शब्दो में कहा जाए तो जब विश्व शक्ति व्यक्ति के शरीर में संचालित होती है तब शरीर की अरबों कोशिकाओं को विश्व शक्ति की आपुर्ति होती है और यह विश्व शक्ति शरीर की कोशिकाओं और अंगो को अधिकतम उर्जान्वित और क्रियाशील बनाती है।

इसके परिणाम स्वरुप व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टी से 9 से 180 दिनों में सकारात्मक बदलावों का अनुभव करने लगता है।

रोगप्रतिरोधक शक्ति कोशिकाओं को भी विश्व शक्ति की आपुर्ति होती है। यह प्रतिरक्षा कोशिकाएं सेरोटिन उप्तादित करने में भी मदद करती है और मस्तिष्क को आसानी से प्राणवायू की आपुर्ती करने के लिए भी मदद करती है। उसके बाद अगले 9 से 180 दिनों में सकारात्मक बदलाव का अनुभव कर सकते है।

एकबार विश्व शक्ति से संपर्क बन जाता है, तो विश्व शक्ति कुछ इस तरह सकारात्मक परिणाम देना शुरु करेगी: –

  1. आप ज्यादा खुलकर संवाद करते है और सामाजिक संपर्क बनाते है
  2. चिंता और अवसाद से पूरी तरह ठीक हो जाएंगे।
  3. आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होने लगता है
  4. आप सामान्य काम और दैनिक गतिविधियों को फिर से शुरू करेंगे।
  5. रोग दूर होने से परिवार में खुशियां आएंगी।

विश्व शक्ति के साथ संपर्क बनाना यह अवसाद पर सबसे अच्छा उपचार है यह मन और शरीर के कार्यों के बीच एक स्वस्थ संतुलन दुबारा प्रस्थापित करता है। यह व्यक्ति कि सुखाकारीऔर कार्य के नैसर्गिक स्थिती में लौटने में मदद करता है।

 मानव गुरु

मानव गुरु

अपने अनन्य सरल वास्तु ज्ञान के माध्यम से लाखो परिवारो की जिंदगी में 9 से 180 दिनो मे परिवर्तन लाया है।

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