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विजय प्रताप सिंह

व्यावसायिक, दिल्ली

मेरा टूर एंड ट्रेवल्स का व्यवसाय है और मेरी पत्नी एक स्कूल चलाती है। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन एक दिन अचानक हालात बदलने लगे। हमने अपने व्यापार में बहुत नुकसान का सामना किया और नुकसान दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा था। हमारे पास अपनी ओफिस के किराए और अपने कर्मचारियों की पगार देने तक के पैसे नहीं थे।

हम काफी तनाव में थे और लगातार चिंतित थे और इससे हमारे घर में और समस्याएँ पैदा हो रही थीं। मैं और मेरी पत्नी एक-दूसरे से बहस करने लगे। जैसे-जैसे हम आर्थिक रूप से कमजोर होते गए, हमारे दोस्त और रिश्तेदार हम से अलग होते गए। हमने अपने परिवार और दोस्तों के बीच अपना स्वाभिमान खो दिया था। मैं सच में चाहता हूं कि जो दौर से हम गुजर रहे थे, वह किसी को भी, कभी भी इस तरह के दर्द और संकट का सामना न करना पड़े।

एक दिन हमें एक दोस्त के माध्यम से मानव गुरु के अनन्य ज्ञान के बारे में पता चला और मैं ने अपने घर और कार्यस्थल पर उनके अनन्य ज्ञान को अपनाने का फैसला किया। हमने मानव गुरु के मार्गदर्शन का पालन करना शुरू किया। एक महीने के बाद हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव का अनुभव करने लगे।

हमारे दोस्त और परिवार हमारे पास वापस आ गए और हमारे संबंधों में भारी सुधार हुआ। हमारे बहुत से दोस्तों ने हमें व्यवसाय के अवसर दिए। हमारा कारोबार हमारी उम्मीदों से परे लाभदायक हो गया। अगर हम अपने व्यवसाय में कहीं अटक गए या किसी भी सहायता की आवश्यकता हो, तो हमारे रिश्तेदार हमेशा आगे आकर हमारी मदद करते हैं।

हमारे व्यापारिक संबंधों में भी सुधार हुआ। व्यवसाय तभी सुधरते हैं जब लोगों के साथ अच्छे संबंध बने रहते हैं। मानव गुरु के अनन्य ज्ञान ने हमें इस क्षेत्र में काफी हद तक मदद की है।

मानव गुरु का अनन्य ज्ञान केवल एक ही समस्या के समाधान के लिए नहीं है, बल्कि यह उन सभी जीवन-संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए हैं जो आपके जीवन के किसी भी चरण में आ सकते हैं। मानव गुरु का अनन्य ज्ञान केवल एक व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि परिवार के हर एक सदस्य के लिए है।

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